22 SECRET PRINCIPLES OF STOCK MARKET/MCX INTRADAY TRADING

To make more profits in Stock Market OR MCX Multi Commodity Exchange, In Intraday Trading you must remember some basic principles and follow these basic principles which is based on the reviews given by lot of stock market through his/her successful market journey.

1. ठीक 9.15AM पर हर हाल में टर्मिनल स्क्रीन के सामने खड़े रहे ।यहाँ 5 मिनट का फर्क भी बड़ा है ।

2. मार्केट खुलते हि स्क्रीन के राइट अपर कार्नर पर सेंसेक्स या निफ्टी रीडिंग 11485 (-285) है यानि सेंसेक्स 285 प्वाईनट्स निचे है।मार्केट मायनस में है तो हमे तेजी नही करना है ।

3. डे ट्रेडर दो तरीके से पैसा कमा सकता है ।तेजी करके यानि कम रेट में शेयर खरीदकर ज्यादा रेट में बेचना।प्लस के मार्केट में तेजी ठीक है।

4. पहले 8 -10 मिनट में सूचकांक (निफ्टी-सेंसेक्स ) के साथ स्क्रीन को वाच करते रहे।स्क्रीन पर सामने 20 – 25  कंपनीज के शेयर्स नजर आते है। 

         जब शेयर बढ़ता है तो ब्ल्यू या ग्रीन कलर में नजर आता है।घटता है तो रेड कलर में नजर आता है।खरीद या बयिंग से शेयर प्राइज बढती है।बिकवाली या सेलिंग से शेयर प्राइज घटती है।तेजी में शेयर ज्यादा देर ब्ल्यू में होता हे,थोड़ी देर में रेड में।मंदी में शेयर ज्यादा देर रेड में रहता है,थोड़ी देर ब्ल्यू में।

5. यदि मार्केट ज्यादा प्लस में खुलता है तो भी तत्काल शेयर  न खरीदे।ज्यादा तेज मार्केट (+110 पाइंट तेज )खुला है तो थोड़ी देर में करेक्ट होकर +70 तक निचे आ सकता है ।

6. स्क्रीन पर कुछ शेयर मजबूती से खड़े और बढ़ते हुए नजर आते है।कुछ शेयर जो कल बहुत बढ़ गए थे,शायद आज दो – चार रूपये बढकर निचे लुढकते नजर आए। 

7. जो शेयर मजबूती से बढ़ रहे है,उनमे से दो को चुनिए।स्क्रीन पर डिटेल्स नही है तो उस शेयर की विंडो या खिड़की पर देखिए।उसमे आपको उस शेयर का आज का हाई,लो,एवरेज,%ग्रोथ और वाल्यूम की जानकारी मिलेगी।

यदि शेयर प्राइज 2 से 4%बढी  है तो अभी खरीदना ठीक है।यदि करंट प्राइज  एवरेज से उपर है तो खरीदना ठीक है।एवरेज से निचे या मायनस में जाते शेयर को हल्की सी तेजी देखकर खरीदना गलत है।

8. शेयर आप सामने से या मार्केट प्राइज पर खरीद सकते है या दो -चार रूपये निचे का बायिंग आडर डाल सकते है।ताकि वोलेटाइल (घटते-बढ़ते )मार्केट में कम रीस्की प्राइज में शेयर मिल जाए ।

           जब सौदा डालते है तो खरीद आडर लाइन स्क्रीन में निचे नजर आती है।जब खरीदी हो जाती है तो निचे खरीदी का मेसेज आएगा| चेक करे की उतने ही शेयर खरीदे गए है और आपके ट्रेडिंग अकाउंट में ही आए है।एक पेपर  पर खरीदी की एक्जेक्ट प्राइज  नोट करके अनुमानित ब्रोकरेज जोड़ लीजिए।

9. बॉयिंग के तत्काल बाद अपनी क्षमता के अनुसार निचे स्टाप लास लगाएं।जैसे 243 में बॉयिंग हुई है तो 239.90 पर सेलिंग आडर लगा दे ताकि शेयर निचे जाने  लगे तो 100 शेयर्स पर 300 से ज्यादा लॉस न हो।

          साथ ही ऊपर 249 का सेलिंग आडर लगा दीजिए ताकि तेजी की लहर आए तो आपके शेयर बिक जाए और आपको 600 का फायदा हो जाए।

10. स्टाप लॉस लगाने के बाद भी यदि वह उड़ा नही है,एक्जिक्यूट नही हुआ है तो 242 में ही सामने से बेचकर निचे का स्टाप लॉस हटाया जा सकता है।ताकि 300 के बजाय 100/- के  लॉस में ही बाहर निकल सकें।

11. यदि छोटे से लॉस को बुक करे तो किसी भी दुसरे बढ़ते शेयर को खरीदकर लॉस कभी भी कव्हर कर  सकते है।इसी तरह शेयर 246 तक पहुचकर बार-बार पलटता है तो आप वही  शेयर बेचकर ऊपर का सोदा (249/-) हटा दीजिए।

12. कभी बढ़ता शेयर हम कम फायदे का बेच देते है।तो बाद में अफ़सोस होता है।इसलिए 246में 50शेयर बेचकर बाकि में इंतजार करके 50शेयर 10-12 रूपये ऊपर भी बेच सकते है।आप 50-50शेयर के दो सोदे अलग-अलग प्राइज पर एक साथ भी डाल  सकते है।

13. एक साथ एक समय में दो तिन से ज्यादा ट्रेड न करे।क्योकि हम एक साथ इससे ज्यादा शेयर को न वाच कर पाते है,न ही डिसीजन ले पाते है।

            तेजी में हर शेयर बढ़ता नजर आता है तो नए ट्रेडर्स एक साथ 5-7 शेयर्स प्लस कर लेते है।एक वक्त 4-5 बढ़े नजर आते है,2-3  घटे हुए नजर आते है।न हम बढ़े हुए पर प्राफिट बुक कर पाते है और न ही घटते शेयर्स का लॉस कंट्रोल कर पाते है।

14.ओव्हर ट्रेडिंग में टेक्स भी भारी पड़ता है और ऐसे में एक डिप (गिरावट)आ जाए तो फायदे नुकसान में बदल जाते है।

15. हर शेयर के एक दिन मे बढने या घटने की एक लिमिट होती है,जिसे फ्रिज लिमिट या सर्किट लिमिट कहते है|यह लिमिट उसी शेयर के लिए पहले२०%,फिर१०%,फिर५%हो जाती है| 

अपर सर्किट मे हम शेयर को खरीद नही सकते|क्योकि खरीदी नही रोकी जाएगी तो प्राइज़ का बढ़ना रुक नही सकता|

     लोअर सर्किट मे शेयर खरीद सकते,बेच नही सकते|क्योकि बिकवाली रोकने पर ही प्राइज़ गिरना बंद होती है|ऊपर सर्किट मे हर कोई श्रयर को खरीदना चाहता है|क्योकि अगले दिन शेयर उपर बिकता है|खरीदी पर रोक के बावजूद बायर्स सोदे डालकर लाइन मे लग जाते है|  

16. कोई शेयर यदि कुछ दिन बढ़कर निचे की तरफ आता है तो उसे वाच करते रहें जैसे कि कोई स्टॉक एकदम बहुत बदा और हाई बनाकर वहां से लुडक गया । अगले दिनों में नीचे गिरते गिरते रेंज बाउंड  हो गया।

जब तक गिरी हुई कमोडिटी या स्टॉक पिछले महीनो के चार्ट में एवरेज लेवल के ऊपर न आ जाये तब तक बाइंग न करें।

17. कल जो शेयर बहुत बढे है .हो सकता है की आज भी बढे पर उनमे ट्रेडिंग  रिस्की है । निफ्टी या सेंसेक्स के

30 स्टॉक्स में जो भी आज घटे है .वो कल पलते तो बढ़ सकते है ।

18. हाई पर शेयर या कमोडिटी ख़रीदे और वह पलट कर निचे आ जाए तो पोजिशनल रखना भी रिस्की है क्योंकि सिल्वर हाई बनाकर सेलिंग प्रेशर से निचे आता है । फिर कई दिनों तक वही टिका रहता है ,जब तक उसके रेट नहीं आयेंगे ‘हमारा पैसा फंस जाएगा ।

19. हमें किसी भी शेयर से हमेशा का प्यार या नफरत नहीं करना है । सिल्वर में आज कमी हुई तो रोज़ सिल्वर के पीछे लग गए ,ऐसे में तीसरे दिन मोह भंग हो जायेगा ।दो दिन तेजी के बाद तीसरे दिन गिरने की बहुत शंका है ।

20. बाय नेचर आप बुलिश या बेरिश (तेजड़िए या मंदडीय़े )न बने । आप मंदी के दिन में ज्यादा तेजी न करे ,तेजी के दिनों में ज्यादा मंदी न करें अन्यथा एक दिन कमाएंगे ,दुसरे दिन गँवा देगे ।

21. मंदी में बेचने का सौदा चार्ट में उपर के रेट पर लगाना ठीक है । यदि गोल्ड 200 पॉइंट एक बार में गिरा है तो शोर्ट सेलिंग 70 -80 पॉइंट का उछाल  आने  पर करें ताकि 5 0 पॉइंट के छोटे स्टॉप लोस में काम हो झाय़े।

22. सुबह स्क्रीन से जाते वक़्त या शाम को मार्किट क्लोज के दस मिनट पहले ALT +F 6 से ट्रेडिंग रिकॉर्ड चेक कर लें । कभी ओपेरटर की गलती से कम -ज्यादा वॉल्यूम की खरीद -बिक्री हो जाती है ।

हर दस -दस मिनट में F 3 -F 3 से आर्डर बुक और ALT +F 6 से M 2 M (प्रॉफिट या लोस )देखते ही वहीँ से खरीद -बिक्री सीधे संभव है ।

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