INTERNAL EXAM: Critically examine of ability to pay theory ?
1. प्रस्तावना (Introduction)
कराधान (Taxation) अर्थशास्त्र का एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसमें यह प्रश्न प्रमुख है कि — “किसे, कितना कर देना चाहिए?”
इसका उत्तर देने के लिए विभिन्न सिद्धांत प्रस्तुत किए गए हैं, जिनमें से एक प्रमुख सिद्धांत है — देयता की क्षमता का सिद्धांत (Ability to Pay Theory of Taxation)।
यह सिद्धांत न्यायपूर्ण कर प्रणाली (Just Tax System) की नींव माना जाता है, जो इस विचार पर आधारित है कि —
“प्रत्येक व्यक्ति को अपनी भुगतान-क्षमता (ability to pay) के अनुसार कर देना चाहिए।”
2. अर्थ एवं परिभाषा (Meaning and Definition)
इस सिद्धांत के अनुसार कर-भार का वितरण न्यायसंगत (equitable) तभी होगा जब व्यक्तियों से उनकी भुगतान की क्षमता (ability to pay) के अनुपात में कर वसूला जाए।
👉 अर्थात् – जो व्यक्ति अधिक आय या संपत्ति रखता है, उसे अधिक कर देना चाहिए;
और जो व्यक्ति कम आय रखता है, उसे कम कर देना चाहिए।
प्रमुख अर्थशास्त्रियों की परिभाषाएँ:
- Adam Smith ने कहा कि “कर का बोझ नागरिकों पर उनकी भुगतान-क्षमता के अनुसार पड़ना चाहिए।”
- Edgeworth ने कहा कि “कराधान का उद्देश्य व्यक्तियों के उपयोगिता स्तरों को समान बनाना है।”
3. मुख्य आधार (Basis of the Theory)
देयता की क्षमता को मापने के लिए दो प्रमुख आधार माने जाते हैं:
- आय (Income):
जितनी अधिक आय, उतनी अधिक कर देने की क्षमता।
इसलिए आय-आधारित कराधान (income-based taxation) सबसे उपयुक्त मानी जाती है। - संपत्ति या धन (Property or Wealth):
जिनके पास अधिक संपत्ति है, उनकी आर्थिक शक्ति अधिक है, अतः उन्हें अधिक कर देना चाहिए।
4. देयता की क्षमता के सिद्धांत के दो दृष्टिकोण (Approaches)
(क) समान बलिदान दृष्टिकोण (Equal Sacrifice Approach)
यह दृष्टिकोण Edgeworth और Pigou द्वारा विकसित किया गया था।
इसके अनुसार कराधान का उद्देश्य यह होना चाहिए कि सभी करदाता समान बलिदान (equal sacrifice) करें —
अर्थात्, कर भुगतान से प्रत्येक व्यक्ति को समान “असुविधा” या “उपयोगिता की हानि” हो।
इस दृष्टिकोण के तीन रूप हैं:
- समान कुल बलिदान (Equal Absolute Sacrifice)
- समान अनुपातिक बलिदान (Equal Proportional Sacrifice)
- समान सीमांत बलिदान (Equal Marginal Sacrifice)
तीसरा दृष्टिकोण — समान सीमांत बलिदान — सर्वाधिक स्वीकृत है, क्योंकि यह प्रगतिशील कर प्रणाली (Progressive Taxation) को उचित ठहराता है।
5. नीति निहितार्थ (Policy Implications)
- यह सिद्धांत प्रगतिशील कर प्रणाली का समर्थन करता है।
- समाज में आय और संपत्ति का पुनर्वितरण (redistribution) करता है।
- सामाजिक न्याय (social justice) की स्थापना में सहायक है।
6. आलोचनात्मक विश्लेषण (Critical Examination)
सकारात्मक पक्ष (Merits) | नकारात्मक पक्ष (Demerits) |
---|---|
(1) न्यायसंगतता (Equity): यह कराधान में सामाजिक न्याय को बढ़ावा देता है। | (1) मापन की कठिनाई: किसी की “देयता की क्षमता” को सटीक रूप से मापना कठिन है। |
(2) प्रगतिशील कर प्रणाली का समर्थन: इससे उच्च आय वालों पर अधिक कर लगता है। | (2) उपयोगिता का मापन असंभव: बलिदान या उपयोगिता हानि को मापना व्यावहारिक रूप से असंभव है। |
(3) सामाजिक समानता: अमीर और गरीब के बीच की आर्थिक असमानता कम होती है। | (3) अर्थव्यवस्था पर संभावित नकारात्मक प्रभाव: अत्यधिक प्रगतिशील कर से निवेश और उत्पादन घट सकता है। |
(4) लोकतांत्रिक सिद्धांत से संगत: यह “योगदान क्षमता के अनुसार दायित्व” की अवधारणा को मजबूत करता है। | (4) प्रेरणा में कमी: अधिक कर भार से उच्च आय वर्ग में परिश्रम और नवाचार की प्रेरणा घट सकती है। |
7. अन्य सिद्धांत से तुलना (Comparison with Benefit Theory)
- Benefit Theory कहता है कि व्यक्ति को सरकार से मिलने वाले लाभ के अनुसार कर देना चाहिए।
- जबकि Ability to Pay Theory यह कहता है कि कर व्यक्ति की आय/संपत्ति के अनुसार होना चाहिए, चाहे उसे सरकार से कितना भी लाभ मिले।
इस प्रकार, Ability to Pay Theory अधिक सामाजिक न्याय आधारित मानी जाती है।
8. उपसंहार (Conclusion)
“देयता की क्षमता का सिद्धांत” कराधान की न्यायसंगतता (equity) और सामाजिक कल्याण (social welfare) को आधार बनाता है।
यद्यपि व्यावहारिक रूप से इस सिद्धांत के मापन और क्रियान्वयन में कठिनाइयाँ हैं, फिर भी यह आधुनिक कर-प्रणालियों की नींव है।
आज लगभग सभी देशों की आयकर प्रणाली (income tax system) इसी सिद्धांत पर आधारित है, जिसमें अमीर व्यक्ति अधिक और गरीब व्यक्ति कम कर देता है।
इस प्रकार, यह सिद्धांत न्यायपूर्ण और प्रगतिशील कराधान का आदर्श प्रतिमान माना जाता है।
PROJECT WORK: taxation: shifting, incidence, effect and burden of taxation
1. Introduction
कराधान (Taxation) सरकार की आय का मुख्य स्रोत है।
कर के अध्ययन में यह जानना महत्वपूर्ण है कि कर का बोझ कौन उठाता है, कैसे वितरित होता है, और किसे असर पड़ता है।
इस संदर्भ में चार प्रमुख अवधारणाएँ हैं:
- Shifting of Tax (कर का हस्तांतरण)
- Incidence of Tax (कर का प्रत्यक्ष प्रभाव)
- Effect of Tax (कर का प्रभाव)
- Burden of Taxation (कर का भार)
2. Shifting of Tax (कर का हस्तांतरण)
Definition:
कर का हस्तांतरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक व्यक्ति पर लगाया गया कर किसी अन्य व्यक्ति या समूह पर स्थानांतरित हो जाता है।
Types of Tax Shifting:
- Forward Shifting (आगे हस्तांतरण):
- कर उत्पादक से उपभोक्ता की ओर स्थानांतरित होता है।
- उदाहरण: बिक्री कर / मूल्य वृद्धि के माध्यम से उपभोक्ता द्वारा भुगतान।
- Backward Shifting (पीछे हस्तांतरण):
- कर उत्पादक द्वारा अपने संसाधन प्रदाताओं (जैसे मजदूर या कच्चा माल आपूर्तिकर्ता) पर स्थानांतरित किया जाता है।
- Sideways Shifting (समानांतर हस्तांतरण):
- कर को प्रतिस्पर्धी या समान वर्ग के भीतर साझा किया जाता है।
Importance:
- कर हस्तांतरण से पता चलता है कि कर का वास्तविक बोझ कौन वहन कर रहा है।
3. Incidence of Tax (कर का प्रत्यक्ष प्रभाव)
Definition:
कर का incidence वह पक्ष है जो कर का आर्थिक प्रभाव वास्तव में महसूस करता है।
Types of Incidence:
- Statutory Incidence (कानूनी प्रत्यक्ष प्रभाव):
- कर जिसे कानून के अनुसार देना है।
- उदाहरण: यदि कानूनी रूप से कंपनी पर कर है, तो वह statutory incidence है।
- Economic Incidence (आर्थिक प्रत्यक्ष प्रभाव):
- कर का वास्तविक आर्थिक बोझ, चाहे वह कानून अनुसार भुगतान करता हो या हस्तांतरित हुआ हो।
- अक्सर statutory और economic incidence अलग हो सकते हैं।
Example:
- उत्पादन पर कर लागू होता है। कानूनी रूप से निर्माता देता है, लेकिन यदि वह कर कीमत में शामिल कर देता है, तो उपभोक्ता वास्तविक बोझ वहन करता है।
4. Effect of Tax (कर का प्रभाव)
Definition:
कर का प्रभाव उस परिवर्तन या परिणाम को दर्शाता है जो कर के लगने से आर्थिक इकाइयों पर पड़ता है।
Key Effects:
- Price Effect (मूल्य पर प्रभाव):
- कर लगाने से वस्तु या सेवा का मूल्य बढ़ सकता है।
- Output Effect (उत्पादन पर प्रभाव):
- कर से उत्पादन लागत बढ़ती है, जिससे उत्पादन कम हो सकता है।
- Consumption Effect (उपभोग पर प्रभाव):
- उपभोक्ता की कीमत संवेदनशीलता के अनुसार मांग घट सकती है।
Example:
- पेट्रोल पर कर लगाने से मूल्य बढ़ता है → उपभोक्ता कम खरीदते हैं → उत्पादन प्रभावित होता है।
5. Burden of Taxation (कर का भार)
Definition:
कर का भार वह असली आर्थिक बोझ है जो व्यक्ति या समूह को कर भुगतान के कारण महसूस होता है।
Characteristics:
- यह केवल कानूनी भुगतान से संबंधित नहीं, बल्कि आर्थिक प्रभाव और हस्तांतरण पर आधारित है।
- कर का भार आर्थिक स्थिति, मांग और आपूर्ति लोच पर निर्भर करता है।
Determinants of Tax Burden:
- Elasticity of Demand:
- यदि मांग अधिक लोचशील है → उपभोक्ता कर का भार कम वहन करेंगे।
- Elasticity of Supply:
- यदि आपूर्ति अधिक लोचशील है → उत्पादक कर का भार कम वहन करेंगे।
Illustration:
- शराब पर कर: यदि शराब की मांग लोचशील नहीं है → उपभोक्ता अधिक कर का भार वहन करेंगे।
6. Relationship Between Shifting, Incidence, Effect, and Burden
Concept | Meaning | Example |
---|---|---|
Shifting | कर का स्थानांतरण | उत्पादक से उपभोक्ता |
Incidence | कर का प्रत्यक्ष प्रभाव | कानूनी भुगतानकर्ता या वास्तविक भुगतानकर्ता |
Effect | कर से होने वाले परिणाम | मूल्य, उत्पादन, और उपभोग में परिवर्तन |
Burden | वास्तविक आर्थिक बोझ | उपभोक्ता या उत्पादक द्वारा महसूस किया गया भार |
Key Point:
- कर का statutory incidence वह व्यक्ति है जिसे कानून कहता है।
- आर्थिक incidence वही है जो वास्तविक बोझ वहन करता है।
- Effect और Burden, हस्तांतरण और incidence के परिणाम हैं।
7. Conclusion
कराधान केवल सरकारी राजस्व का साधन नहीं, बल्कि यह आर्थिक इकाइयों पर प्रभाव डालने वाला उपकरण भी है।
- Shifting बताता है कि कर किस पर स्थानांतरित होता है।
- Incidence यह बताता है कि कर का वास्तविक प्रभाव कौन महसूस करता है।
- Effect मूल्य, उत्पादन और उपभोग पर पड़ने वाले परिणाम दिखाता है।
- Burden वास्तविक आर्थिक बोझ की पहचान कराता है।
समग्रतः, ये अवधारणाएँ नीति-निर्माण, कर प्रणाली के न्यायसंगत विभाजन और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव के मूल्यांकन में महत्वपूर्ण हैं।