डेयरी फार्मिंग (Dairy Farming) एक कृषि आधारित व्यवसाय है जिसमें मुख्य रूप से गाय, भैंस या अन्य दुग्ध उत्पादक पशुओं को पालकर दूध का उत्पादन किया जाता है। यह दूध फिर सीधे उपभोक्ताओं को या प्रोसेसिंग यूनिट्स को बेचा जाता है जहाँ से दूध से दही, पनीर, घी, बटर आदि बनाए जाते हैं।
🐄 डेयरी फार्मिंग के मुख्य घटक
- पशु चयन (Animal Selection):
- अच्छी नस्ल की गाय/भैंस चुनें जो उच्च दूध उत्पादन करती हों।
- जैसे:
- गाय – गिर, साहीवाल, होल्स्टीन फ्रिज़ियन (HF), जर्सी।
- भैंस – मुर्राह, जाफराबादी, मेहसाणा।
- चारा और पोषण (Fodder & Nutrition):
- हरा चारा (नेपियर, बरसीम), सूखा चारा और खली/अनाज।
- मिनरल मिक्सचर और साफ पानी की व्यवस्था।
- रहने की व्यवस्था (Housing):
- साफ-सुथरा, हवादार और सुरक्षित शेड।
- गर्मी, ठंड और बरसात से बचाव के इंतजाम।
- दूध दुहाई (Milking):
- हाथ से या मिल्किंग मशीन से दूध निकालना।
- स्वच्छता का विशेष ध्यान।
- स्वास्थ्य देखभाल (Animal Healthcare):
- नियमित टीकाकरण, डेवार्मिंग (कृमिनाशक देना), और पशु चिकित्सक से जांच।
- बीमारियों से बचाव के उपाय।
- उत्पाद की मार्केटिंग (Marketing of Dairy Products):
- दूध को थोक या खुदरा में बेचना।
- मूल्य वर्धन (Value Addition): दही, पनीर, बटर आदि बनाकर बेचना।
✅ डेयरी फार्मिंग के फायदे
- नियमित और स्थिर आय।
- खेत की उपज (चारा आदि) का सदुपयोग।
- गोबर से खाद और बायोगैस।
- ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार का साधन।
💰 आरंभिक लागत और सरकारी सहायता
- लागत में पशु खरीद, शेड निर्माण, चारा, मशीनरी आदि शामिल होते हैं।
- NABARD और अन्य बैंकों से लोन की सुविधा।
- कई राज्य सरकारें सब्सिडी और प्रशिक्षण भी देती हैं।
📌 शुरुआत कैसे करें? (Step-by-Step Guide)
- एक व्यवसाय योजना (Business Plan) बनाएं।
- नस्ल और पशुओं की संख्या तय करें।
- आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करें।
- पशु खरीदें – विश्वसनीय स्रोत से।
- रोजाना देखभाल और दूध उत्पादन करें।
- मार्केट से जुड़ाव बनाएँ।