How to Maintain a Profitable Balance Sheet ?

To make more profits in the stock market, it is very important to have an understanding of the balance sheet, only then you can manage your portfolio properly and understand how to make further investment strategy. Through this method, we will tell you how you should maintain your asset and liability and how you will be able to use its understanding to make more profit, so let us try to learn it.

यहाँ हम आपको हिंदी में बताएँगे कि बैलेंस शीट क्या होती है? बैलेंस शीटको हिंदी में तुलन पत्र या चिट्ठा भी कहते हैं. मगर हम यहाँ बैलेंस शीट शब्द का ही प्रयोग करेंगे क्योकि यही प्रचलित है. आज के पाठ में बहुत से तकनीकी शब्द आयेंगे मगर मैं कोशिश करूंगा की इसे आसान हिंदी में समझाया जा सके.

एक दिए गए समय पर एक व्यापार या संगठन की संपत्ति, देनदारियों, और पूँजी (Share Capital) के  विवरण को बैलेंस शीट कहते हैं। आम तौर पर इसे कंपनी या संगठन के वित्तीय वर्ष के अंत में जारी किया जाता है. बैलेंस शीट को Profit and Loss Account यानी लाभ हानि खाते के बाद तैयार किया जाता है. बैलेंस शीट में मुख्य रूप से निम्न घटक होते हैं :

Current Assets चालू परिसंपत्तियां : मुख्य रूप से नगदी, बैंक  बैलंस, एडवांस, कच्चा माल जैसे मद इसमें आते हैं.

Investments निवेश : कंपनी द्वारा किये गए किसी भी तरह के निवेश.

Property, Plant and Equipment प्रॉपर्टी, प्लांट तथा इक्विपमेंट :  इन्हें Fixed Assets फिक्स्ड एसेट्स भी कहते हैं. भूमि, भवन, मशीनें, ऑफिस इक्विपमेंट, गाड़ियां फर्नीचर आदि इस मद में गिने जाते हैं. इन्हें Tangible Assets भी कहते हैं. इसका हिंदी अर्थ होगा मूर्त संपत्ति यानी ऐसी संपत्ति जिसे देख छु सकते हैं.

Intangible Assets अमूर्त संपत्तियां: ऐसी संपत्ति जिसे देख छू नहीं सकते. कंपनी की गुडविल या साख कंपनी की Intangible Assets अमूर्त संपत्तियां है. इसके अलावा Copyrights कॉपीराइट, Patents पेटेंट,  Trademarks ट्रेडमार्क्स, Brand names ब्रांड, Domain names डोमेन का नाम भी  Intangible Assets अमूर्त संपत्तियों के उदाहरण हैं. यहाँ आपको बता दें कि अक्सर कम्पनियां बैलेंस शीट में Intangible Assets अमूर्त संपत्तियां अपनी सही कीमत पर नहीं दिखा पातीं. आप ही बताइए गूगल, फेसबुक और फ्लिप्कार्ट के जमाने में आप इन Intangible Assets अमूर्त संपत्तियों की सही वैल्यू कैसे लगा सकते हैं?

Current Liabilities चालू देनदारियां : अधिकतर इस मद में वह खर्चे और देनदारियां होती हैं जो बैलेंस शीट बनाने की तारीख को देय हो चुके हैं. जैसे वेतन, मजदूरियाँ, देय इनकम टैक्स, देय ब्याज आदि.

Long Term Liabilities लम्बी अवधि की देनदारियां : लम्बी अवधि के ॠण, Bond  बॉंड आदि इस मद में होंगे.

यहाँ आपको बता दें कि बैलेंस शीट में हमेशा संपत्तियों और देनदारियों (शेयर पूँजी मिला कर) का टोटल बराबर ही होगा.

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